सोने-चांदी की कीमतों में उछाल
Gold and Silver की कीमतों में हाल ही में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। 12 जून 2025 को भारतीय सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना ₹1,220 प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ ₹97,455 पर पहुंच गया, जबकि चांदी ₹1,05,498 प्रति किलो पर बिक रही है। इस साल अब तक सोने की कीमत में ₹21,293 की बढ़ोतरी हो चुकी है, जो निवेशकों और खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, रुपये की कमजोरी, और बढ़ती मांग ने Gold and Silver की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आइए, इस उछाल के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।
सोने की कीमतों में तेजी के कारण
Gold and Silver की कीमतों में इस तेजी का प्रमुख कारण वैश्विक और घरेलू कारक हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 2% की बढ़त के साथ $3,412 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है, जो भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, जैसे मध्य पूर्व में तनाव और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की आशंकाओं, के कारण है। भारत में रुपये की कमजोरी (1 डॉलर = ₹85.67) ने सोने के आयात को महंगा कर दिया है। इसके अलावा, शादी के सीजन और त्योहारी मांग ने Gold and Silver की खरीदारी को बढ़ावा दिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट सोना ₹76,162 प्रति 10 ग्राम था, जो अब 27.95% बढ़कर ₹97,455 पर पहुंच गया है।
चांदी की कीमतों का रुझान
चांदी की कीमतों में भी इस साल 23.03% की बढ़ोतरी देखी गई है। 1 जनवरी 2025 को चांदी ₹86,017 प्रति किलो थी, जो अब ₹1,05,498 प्रति किलो हो गई है। हालांकि, 12 जून को चांदी में केवल ₹4 की मामूली बढ़त दर्ज की गई। Gold and Silver दोनों की कीमतें वैश्विक औद्योगिक मांग और निवेशकों के रुझान से प्रभावित होती हैं। चांदी की औद्योगिक मांग, खासकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में, इसके दाम को समर्थन दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी इस साल ₹1,30,000 प्रति किलो तक पहुंच सकती है, क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव कम होने पर इसकी औद्योगिक मांग और बढ़ेगी।
निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर
Gold and Silver हमेशा से निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प रहे हैं। इस साल सोने की कीमत में 27.95% और चांदी में 23.03% की बढ़त ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, सोना इस साल ₹1,03,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। सोने को मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव (हेज) के रूप में देखा जाता है, जबकि चांदी की औद्योगिक मांग इसे आकर्षक बनाती है। निवेशक गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, या फिजिकल गोल्ड/सिल्वर में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह लेना और BIS हॉलमार्क वाला सोना खरीदना जरूरी बताते हैं।
भारतीय बाजार और उपभोक्ता पर प्रभाव
Gold and Silver की कीमतों में बढ़ोतरी का भारतीय उपभोक्ताओं पर गहरा असर पड़ रहा है। शादी के सीजन में सोने के गहनों की मांग बढ़ने के बावजूद, ऊंची कीमतों ने मिडिल क्लास परिवारों के लिए खरीदारी को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। मुंबई, दिल्ली, और चेन्नई जैसे शहरों में ज्वेलर्स ने बताया कि ग्राहक छोटे वजन के गहनों की ओर रुख कर रहे हैं। 18 कैरेट सोने की कीमत ₹73,091 प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो पहले ₹72,176 थी। इसके अलावा, जीएसटी और मेकिंग चार्ज के कारण गहनों की कीमत और बढ़ जाती है।
वैश्विक परिदृश्य और भविष्य की संभावनाएं
वैश्विक स्तर पर Gold and Silver की कीमतें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों, डॉलर की मजबूती, और भू-राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित होती हैं। गोल्डमैन सैक्स के अनुमान के मुताबिक, सोना इस साल $3,700 प्रति औंस (लगभग ₹1,10,000 प्रति 10 ग्राम) तक पहुंच सकता है। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और मध्य पूर्व में अस्थिरता ने सोने को सुरक्षित निवेश बनाया है। X पर कई यूजर्स ने इसे “विश्व युद्ध की आशंका” से जोड़ा, जिसने बाजार की अनिश्चितता को बढ़ाया है। चांदी की कीमतें भी औद्योगिक मांग के कारण बढ़ सकती हैं।
सोना-चांदी खरीदने की सावधानियां
Gold and Silver खरीदते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सोना और 999 शुद्धता वाली चांदी खरीदें। हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) की जांच करें, जो 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है। मेकिंग चार्ज और जीएसटी की पूरी जानकारी लें, क्योंकि ये गहनों की अंतिम कीमत को प्रभावित करते हैं। ऑनलाइन खरीदारी करते समय विश्वसनीय प्लेटफॉर्म चुनें। निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ETF जैसे विकल्प भी सुरक्षित और कर-कुशल हैं।
भविष्य में क्या उम्मीद करें?
Gold and Silver की कीमतों में मौजूदा उछाल निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों लाया है। सोने की कीमतें ₹1,03,000 और चांदी ₹1,30,000 तक जा सकती हैं, लेकिन बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है। भू-राजनीतिक तनाव, रुपये की कमजोरी, और वैश्विक आर्थिक नीतियां कीमतों को प्रभावित करेंगी। भारतीय उपभोक्ताओं को बजट के अनुसार खरीदारी और निवेशकों को विशेषज्ञ सलाह के साथ कदम उठाने चाहिए। Gold and Silver की चमक भविष्य में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।
सोना और चांदी की कीमतों से जुड़े सवाल
1. सोने की कीमतें ₹97,455 प्रति 10 ग्राम तक क्यों पहुंची?
Gold and Silver की कीमतें वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, रुपये की कमजोरी, और त्योहारी मांग के कारण बढ़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,412 प्रति औंस पर है।
2. इस साल सोना कितना महंगा हुआ?
1 जनवरी 2025 से अब तक 24 कैरेट सोना ₹76,162 से ₹97,455 प्रति 10 ग्राम हो गया है, यानी ₹21,293 की बढ़ोतरी हुई है।
3. चांदी की कीमतें ₹1,05,498 प्रति किलो क्यों हैं?
चांदी की औद्योगिक मांग, खासकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स में, और निवेशकों का रुझान इसकी कीमतों को समर्थन दे रहा है।
4. क्या सोना ₹1,03,000 प्रति 10 ग्राम तक जाएगा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, भू-राजनीतिक तनाव और मांग के कारण सोना इस साल ₹1,03,000 तक पहुंच सकता है।
5. सोना-चांदी खरीदते समय क्या सावधानी बरतें?
BIS हॉलमार्क और HUID की जांच करें, मेकिंग चार्ज और जीएसटी की जानकारी लें, और विश्वसनीय ज्वेलर से खरीदें।
6. सोने-चांदी में निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है?
फिजिकल गोल्ड/सिल्वर के अलावा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ETF सुरक्षित और कर-कुशल विकल्प हैं।
7. क्या चांदी की कीमतें और बढ़ेंगी?
हां, औद्योगिक मांग बढ़ने पर चांदी ₹1,30,000 प्रति किलो तक जा सकती है।















