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London Plane Crash : त्रासदी की गहराई और जांच के ताजा अपडेट

On: July 14, 2025 4:43 PM
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London Plane Crash
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London Plane Crash : 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI171) टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गया। इस हादसे ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। 242 यात्रियों में से केवल एक जीवित बचा, जबकि 241 यात्रियों और 19 अन्य लोगों की जमीन पर मौत हो गई। इस ब्लॉग में हम इस त्रासदी की गहराई, जांच के ताजा अपडेट्स, और इससे जुड़े तकनीकी पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे। यह लेख Google के E-E-A-T दिशानिर्देशों (Experience, Expertise, Authoritativeness, Trustworthiness) को ध्यान में रखकर लिखा गया है, ताकि आपको विश्वसनीय और गहन जानकारी मिले।

हादसे का अवलोकन: क्या हुआ था?

12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे (IST), एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी। लेकिन मात्र 30 सेकंड बाद, विमान ने ऊंचाई खो दी और मेहगनीनगर इलाके में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स हॉस्टल में जा गिरा। हादसे में भारी विस्फोट हुआ, जिसकी वजह से विमान और हॉस्टल की इमारत में आग लग गई। इस त्रासदी में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक सहित 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए। जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी मौत हुई, और 50 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हुए।

एकल जीवित बचे व्यक्ति, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश, सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक तेज आवाज हुई, और फिर विमान क्रैश हो गया। मैं डर गया था, चारों तरफ शव थे। मैं इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकला और किसी तरह बच गया।”

जांच के शुरुआती निष्कर्ष: ईंधन स्विच का रहस्य

भारत की Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच “रन” से “कट-ऑफ” पोजीशन में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई और दोनों इंजनों ने थ्रस्ट खो दिया। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया, “तुमने कट-ऑफ क्यों किया?” जबकि दूसरे पायलट ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।”

यह स्विच आमतौर पर लैंडिंग के बाद या इमरजेंसी जैसे इंजन में आग लगने की स्थिति में बंद किए जाते हैं। टेकऑफ के दौरान ऐसा होना असामान्य और रहस्यमय है। AAIB की रिपोर्ट में कहा गया कि स्विच फिर से सामान्य स्थिति में आए, जिससे एक इंजन ने थ्रस्ट हासिल करना शुरू किया, लेकिन विमान की गति को उलटने के लिए यह काफी नहीं था।

2019 में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बोइंग 737 के फ्यूल कंट्रोल स्विच में लॉकिंग फीचर के डिसएंगेज होने की चेतावनी दी थी, और यही डिज़ाइन एयर इंडिया के VT-ANB विमान में भी था। हालांकि, यह केवल एक सलाह थी, न कि अनिवार्य निर्देश, इसलिए एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की।

तकनीकी और मानवीय कारक: क्या गलत हुआ?

विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसे जनवरी 2014 में एयर इंडिया को डिलीवर किया गया था। यह 11 साल पुराना था और इसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक GEnx-1B67 इंजन थे। फ्लाइट को कैप्टन सुमीत सभरवाल (15,600 उड़ान घंटे) और को-पायलट क्लाइव कुंदर (1,100 उड़ान घंटे) संचालित कर रहे थे।

जांच में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि फ्यूल स्विच का मूवमेंट तकनीकी खराबी था या मानवीय गलती। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बोइंग के डिज़ाइन या एयर इंडिया की मेंटेनेंस प्रक्रिया से जुड़ा हो सकता है। परिवारों और विशेषज्ञों ने प्रारंभिक रिपोर्ट को “कवर-अप” करार दिया, जिसमें मृत पायलटों पर दोष डालने की कोशिश की गई।

उदाहरण के लिए, अमीन सिद्दीकी, जिनके ब्रिटिश रिश्तेदार इस हादसे में मारे गए, ने द टेलीग्राफ को बताया, “वे मृत पायलटों पर दोष डालना चाहते हैं, जो अब अपनी सफाई नहीं दे सकते।” उन्होंने और अन्य परिवारों ने एयर इंडिया और बोइंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।

पीड़ितों की कहानियां: मानवीय नुकसान

इस त्रासदी ने कई परिवारों को तोड़ दिया। पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपानी, जो अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे, इस हादसे में मारे गए। डर्बी हिंदू मंदिर ने डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त किया, जिन्हें “सच्चे भक्त” और “दयालु परिवार” के रूप में याद किया गया।

28 वर्षीय हरप्रीत कौर होरा, जो अपने पति के जन्मदिन के बाद लंदन जा रही थीं, और बहनें धीर और हीर बक्सी, जो अपनी दादी के जन्मदिन के लिए भारत आई थीं, भी इस हादसे का शिकार बनीं। केबिन क्रू की सदस्य साइनीता चक्रवर्ती, जो बचपन से हवाई जहाजों की शौकीन थीं, और उनके परिवार की इकलौती कमाने वाली थीं, उनकी कहानी भी दिल दहला देने वाली है।

जांच और भविष्य के कदम

AAIB, अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), और बोइंग की टीमें जांच में शामिल हैं। ब्लैक बॉक्स, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल हैं, 28 घंटे बाद मलबे से बरामद किए गए। डेटा को दिल्ली में AAIB की लैब में विश्लेषण किया जा रहा है।

एयर इंडिया ने पीड़ित परिवारों के लिए 10 मिलियन रुपये (लगभग 1,92,640 USD) की वित्तीय सहायता और घायलों के मेडिकल खर्च की घोषणा की है। हालांकि, कई परिवारों ने मुआवजे को ठुकरा दिया और सच्चाई की मांग की।

विमानन सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा भारत के तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। 1996 के चरखी दादरी हादसे के बाद यह भारत का सबसे घातक विमानन हादसा है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का यह पहला घातक हादसा था, जिसने इसके डिज़ाइन और रखरखाव पर सवाल उठाए।

2019 में FAA की सलाह के बावजूद, एयर इंडिया ने फ्यूल स्विच की जांच नहीं की, जो अब जांच का केंद्र बिंदु है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह अनिवार्य निर्देश होता, तो शायद यह त्रासदी टाली जा सकती थी।

 सच्चाई की तलाश

लंदन प्लेन क्रैश ने न केवल सैकड़ों परिवारों को दुख दिया, बल्कि विमानन उद्योग में सुरक्षा और जवाबदेही के सवाल भी खड़े किए। जांच अभी शुरुआती चरण में है, और यह स्पष्ट नहीं है कि फ्यूल स्विच का मूवमेंट तकनीकी खराबी थी या मानवीय त्रुटि। लेकिन पीड़ितों के परिवारों की मांग साफ है: वे सच्चाई चाहते हैं।

Anand K.

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