Air India का ताजा हादसा और उसकी गूंज
16 जून 2025 को, Air India की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान मेगानी नगर के एक रिहायशी इलाके में गिरा, जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, और केवल एक यात्री, विशवासकुमार रमेश, जीवित बचे। इस हादसे ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर विमानन सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भारत के विमानन इतिहास में यह 1996 के बाद सबसे घातक हादसा है। इस ब्लॉग में, हम Air India क्रैश और इसकी सुरक्षा जांच के विभिन्न पहलुओं का गहराई से विश्लेषण करेंगे।
Air India फ्लाइट AI171 क्रैश: क्या हुआ?
12 जून 2025 को, Air India की फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ किया। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। टेकऑफ के बाद विमान केवल 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा और फिर तेजी से नीचे गिरने लगा। पायलट ने मेडे कॉल (आपातकालीन कॉल) किया, लेकिन जवाब देने से पहले ही विमान मेगानी नगर में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। इस हादसे में 270 से अधिक लोग मारे गए, जिसमें विमान के यात्री, चालक दल, और जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे।
सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि विमान ने टेकऑफ के बाद कुछ सेकंड तक सामान्य उड़ान भरी, लेकिन फिर इसका टेल नीचे की ओर झुका और यह तेजी से नीचे गिरा। इस हादसे ने Air India की सुरक्षा प्रक्रियाओं, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की विश्वसनीयता, और विमानन उद्योग की समग्र सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
जांच का दायरा: ब्लैक बॉक्स और अन्य सबूत
भारत की Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) इस हादसे की जांच का नेतृत्व कर रही है, जिसमें अमेरिका के National Transportation Safety Board (NTSB), यूके के Air Accidents Investigation Branch, और बोइंग के विशेषज्ञ शामिल हैं। जांच के लिए दो महत्वपूर्ण ब्लैक बॉक्स—फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर—बरामद किए गए हैं। ये डिवाइस विमान के अंतिम क्षणों, पायलट के फैसलों, और तकनीकी स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
जांच के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं:
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इंजन थ्रस्ट: क्या दोनों इंजनों में कोई खराबी थी? कुछ विशेषज्ञों ने डबल इंजन फेल्योर की संभावना जताई है, हालांकि बोइंग 787 को एक इंजन पर भी उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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विंग फ्लैप्स और लैंडिंग गियर: सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि टेकऑफ के बाद लैंडिंग गियर नीचे था और फ्लैप्स सही स्थिति में नहीं थे, जो उड़ान के लिए असामान्य है।
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रखरखाव प्रक्रियाएं: Air India के रखरखाव रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है। विमान ने जून 2023 में आखिरी बार व्यापक रखरखाव (सी-चेक) करवाया था, और अगला चेक दिसंबर 2025 के लिए निर्धारित था।
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पायलट प्रशिक्षण: कप्तान सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 10,000 घंटों से अधिक का उड़ान अनुभव था। फिर भी, जांच में उनके फैसलों और प्रशिक्षण की समीक्षा की जाएगी।
Air India की सुरक्षा और इतिहास
Air India की स्थापना 1932 में हुई थी और यह भारत की सबसे पुरानी और जानी-मानी एयरलाइंस में से एक है। हालांकि, इसका सुरक्षा रिकॉर्ड मिश्रित रहा है। अगस्त 2020 में, Air India एक्सप्रेस की एक बोइंग 737-800 करीपुर में रनवे से फिसल गई थी, जिसमें 21 लोग मारे गए थे। हाल के वर्षों में, Air India ने अपने बेड़े को आधुनिक बनाने और सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। फिर भी, इस हादसे ने इसके रखरखाव और परिचालन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हादसे के बाद Air India के सभी बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की अतिरिक्त सुरक्षा जांच का आदेश दिया है। यह कदम निवारक उपाय के रूप में लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर: एक विश्वसनीय विमान?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को विमानन उद्योग में सबसे आधुनिक और सुरक्षित विमानों में से एक माना जाता है। इस हादसे से पहले, इस मॉडल का कोई घातक हादसा दर्ज नहीं हुआ था। 12 साल पुराना यह विमान पिछले एक साल में 700 से अधिक उड़ानें भर चुका था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस हादसे का कारण निर्माण संबंधी खराबी होने की संभावना कम है, क्योंकि विमान लंबे समय से संचालित हो रहा था। फिर भी, जांच में बोइंग और इंजन निर्माता GE Aerospace की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
संभावित कारण और सिद्धांत
हादसे के कारणों को लेकर कई सिद्धांत सामने आए हैं:
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तकनीकी खराबी: जांच में इंजन, फ्लैप्स, या लैंडिंग गियर में संभावित खराबी पर ध्यान दिया जा रहा है।
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पायलट त्रुटि: हालांकि पायलट अनुभवी थे, लेकिन टेकऑफ के दौरान गलत कॉन्फिगरेशन या त्वरित फैसले की संभावना की जांच की जा रही है।
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बाहरी कारक: कुछ विशेषज्ञों ने पक्षी टकराने (बर्ड स्ट्राइक) या सबोटेज की संभावना जताई है, लेकिन ये प्राथमिक जांच के फोकस में नहीं हैं।
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मौसम: मौसम की स्थिति सामान्य थी, इसलिए इसके हादसे का कारण होने की संभावना कम है।
वैश्विक और स्थानीय प्रतिक्रियाएं
इस हादसे ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ा दी। लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर सैकड़ों लोग मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के स्थल का दौरा किया और इसे “दुखद” बताया। Air India ने पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायता डेस्क स्थापित किए हैं और पूरी पारदर्शिता के साथ जांच में सहयोग करने का वादा किया है।
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा विमानन उद्योग के लिए एक चेतावनी है। Air India और अन्य एयरलाइंस को अपनी रखरखाव प्रक्रियाओं, पायलट प्रशिक्षण, और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को और मजबूत करना होगा। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है जो भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें देगी।
Air India का फ्लाइट AI171 क्रैश एक दुखद घटना है जिसने विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ब्लैक बॉक्स डेटा और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की जांच से जल्द ही हादसे के कारणों का पता चल सकता है। तब तक, यह महत्वपूर्ण है कि Air India और विमानन नियामक अपनी प्रक्रियाओं को और सख्त करें ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके।















