तूफान को-मे का कहर
Typhoon Co-May ; 30 जुलाई 2025 को तूफान को-मे (Typhoon Co-May) ने पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत और झोउशान शहर में भारी तबाही मचाई। इस तूफान ने न केवल घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया। तेज हवाओं, भारी बारिश और समुद्री लहरों ने इस क्षेत्र में अराजकता फैला दी। इस लेख में, हम इस तूफान के प्रभाव, इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों, और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह लेख गहन शोध और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, ताकि आपको इस प्राकृतिक आपदा की पूरी जानकारी मिल सके।
तूफान को-मे: एक नजर में
तूफान को-मे, 2025 का आठवां तूफान, 30 जुलाई को सुबह 4:30 बजे झेजियांग प्रांत के झोउशान शहर के झुजियाजियान द्वीप पर पहुंचा। इसकी केंद्र के पास हवाओं की गति 23 मीटर प्रति सेकंड (83 किमी/घंटा) थी, और न्यूनतम केंद्रीय दबाव 975 हेक्टोपास्कल था। यह तूफान पहले फिलीपींस में एक उष्णकटिबंधीय तूफान के रूप में कमजोर पड़ गया था, लेकिन दक्षिण चीन सागर में फिर से ताकत हासिल कर ली। बाद में, इसने शंघाई के फेंग्सियान जिले में दोबारा लैंडफॉल किया, जिससे क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
झोउशान और झेजियांग में तबाही
तूफान को-मे ने झोउशान और झेजियांग में भारी नुकसान पहुंचाया। समुद्र तट पर ऊंची लहरों ने तटीय रास्तों को डुबो दिया, और निंगबो जैसे शहरों में सड़कों पर टखने तक पानी भर गया। कई घर बाढ़ की चपेट में आए, और वाहनों को पानी के तेज बहाव में बहते देखा गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बिजली की आपूर्ति बाधित हुई, और कुछ इलाकों में पानी का जमाव हुआ। तूफान के साथ-साथ रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई, जिसने तटीय क्षेत्रों में खतरे को और बढ़ा दिया। हालांकि, सुनामी की चेतावनी बाद में हटा ली गई।
शंघाई में प्रभाव और आपातकालीन उपाय
शंघाई, जो आमतौर पर तूफानों से सीधे प्रभावित नहीं होता, इस बार को-मे के रास्ते में था। तूफान ने शहर में भारी बारिश और तेज हवाएं लाईं, जिसके कारण 2,80,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। शंघाई के दो प्रमुख हवाई अड्डों, पुडॉन्ग और होंगकियाओ, में 640 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। सभी नौका सेवाएं सुबह से बंद कर दी गईं, और राजमार्गों पर वाहनों की गति 60 किमी/घंटा तक सीमित कर दी गई। रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं, कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गईं, जबकि अन्य को कम गति पर चलाया गया।
शंघाई सेंट्रल मेट्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी ने येलो रेनस्टॉर्म अलर्ट को अपग्रेड करके ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जो दूसरा सबसे उच्च चेतावनी स्तर है। शहर में 1,900 से अधिक अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए, जहां बुजुर्गों सहित कई लोग शरण ले रहे थे। शंघाई डिजनीलैंड और लेगोलैंड खुले रहे, लेकिन कुछ राइड्स और प्रदर्शन मौसम के कारण निलंबित कर दिए गए।
आपातकालीन प्रतिक्रिया और सरकारी कदम
चीन सरकार ने तूफान को-मे से निपटने के लिए तेजी से कदम उठाए। झेजियांग प्रांत में आपातकालीन प्रतिक्रिया स्तर को IV से III तक बढ़ाया गया, जो चार-स्तरीय प्रणाली में दूसरा सबसे गंभीर स्तर है। राष्ट्रीय बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय ने शंघाई, झेजियांग, और जिआंग्सु प्रांतों के लिए लेवल IV आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की। एक सरकारी कार्य समूह को झेजियांग में भेजा गया ताकि स्थानीय बाढ़ और हवा से होने वाले नुकसान को प्रबंधित किया जा सके। स्थानीय अधिकारियों ने निवासियों से घरों में रहने और बाढ़ से संबंधित खतरों के प्रति सतर्क रहने की अपील की।
वैश्विक संदर्भ: सुनामी की चेतावनी
तूफान को-मे का आगमन रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के साथ हुआ, जिसने सुनामी की चेतावनी को जन्म दिया। चीन के राष्ट्रीय समुद्री पर्यावरण पूर्वानुमान केंद्र ने चेतावनी दी कि शंघाई और झोउशान सहित तटीय क्षेत्रों में 1 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं। इस दोहरे खतरे ने स्थिति को और जटिल बना दिया, लेकिन सुनामी की चेतावनी बाद में हटा ली गई, जिससे राहत मिली।
जलवायु परिवर्तन और तूफानों की तीव्रता
तूफान को-मे जैसे प्राकृतिक आपदाएं जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों की ओर इशारा करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन, जिसमें चीन दुनिया का सबसे बड़ा उत्सर्जक है, चरम मौसम की घटनाओं को अधिक बार और तीव्र बना रहा है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुख्य पूर्वानुमानकर्ता चेन ताओ ने बताया कि तूफान की गतिविधियां वायुमंडलीय परिसंचरण को प्रभावित करती हैं, जिससे उत्तरी चीन में भारी बारिश और बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इस साल, उत्तरी चीन में भारी बारिश ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली और हजारों को विस्थापित किया।
भविष्य के लिए सबक
तूफान को-मे ने एक बार फिर आपदा प्रबंधन और तैयारियों के महत्व को रेखांकित किया। चीन ने हाल के वर्षों में आपदा प्रबंधन में सुधार किया है, जैसे कि शंघाई में मौसम संबंधी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करना। हाल ही में, शंघाई ने मंगोलिया को “MAZU-Urban” नामक एक स्मार्ट आपदा चेतावनी प्रणाली दान की, जो शहरों को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद करती है।
हालांकि, जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों के बीच, सरकारों और समुदायों को और अधिक कदम उठाने होंगे। बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ रोधी दीवारों का निर्माण, और जन जागरूकता बढ़ाना कुछ जरूरी उपाय हैं। इसके अलावा, व्यक्तिगत स्तर पर, लोगों को आपदा के दौरान सुरक्षित स्थानों पर जाने और सरकारी निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
एकजुटता और सतर्कता की जरूरत
तूफान को-मे ने झोउशान, झेजियांग, और शंघाई में भारी तबाही मचाई, लेकिन स्थानीय प्रशासन और समुदायों की त्वरित प्रतिक्रिया ने नुकसान को कम करने में मदद की। लाखों लोगों का सुरक्षित स्थानांतरण, उड़ानों और रेल सेवाओं का निलंबन, और आपातकालीन आश्रयों की स्थापना ने स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर भी, यह तूफान हमें याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए वैश्विक और स्थानीय स्तर पर एकजुट प्रयासों की जरूरत है।















