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Income Tax Guide: NRI के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर लगने वाला टैक्स समझें आसान भाषा में

On: August 10, 2025 6:14 AM
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Income Tax Guide: एनआरआई (नॉन-रेजिडेंट इंडियन) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, खासकर जब बात शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) की हो। यदि आप एक एनआरआई हैं और भारत में अपनी संपत्ति या निवेश से शॉर्ट टर्म लाभ कमाया है, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि इस पर टैक्स कैसे लगेगा। इस लेख में हम 2025 के नवीनतम नियमों के आधार पर इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जो आयकर विभाग की आधिकारिक जानकारी और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त है। हमारा उद्देश्य आपको सरल भाषा में समझाना है, ताकि आप आसानी से अपने टैक्स दायित्वों को समझ सकें और सही निर्णय ले सकें। यदि आप हाल ही में कोई संपत्ति बेची है या स्टॉक में ट्रेडिंग की है, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

सबसे पहले, एनआरआई और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस को समझते हैं। एनआरआई वह भारतीय नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति होता है जो भारत में 182 दिनों से कम रहता है या अन्य शर्तों के आधार पर नॉन-रेजिडेंट माना जाता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस तब होता है जब कोई संपत्ति या निवेश को खरीदने के बाद कम समय में बेचा जाता है। उदाहरण के लिए, इक्विटी शेयर या इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स के लिए होल्डिंग पीरियड 12 महीने से कम है, जबकि अन्य संपत्तियों जैसे प्रॉपर्टी या डेट फंड्स के लिए 24 महीने से कम। यदि होल्डिंग पीरियड इससे अधिक है, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) बन जाता है। 2025 में, एसटीसीजी पर टैक्स एसेट के प्रकार पर निर्भर करता है, और एनआरआई के लिए यह सामान्य स्लैब रेट्स या फ्लैट रेट पर लगता है। यह समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि एनआरआई की आय भारत में केवल भारतीय स्रोतों से टैक्सेबल होती है, लेकिन कैपिटल गेंस हमेशा टैक्स के दायरे में आते हैं।

अब, एसटीसीजी पर टैक्स रेट्स की बात करें। इक्विटी शेयरों और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स (जहां सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स या एसटीटी लागू होता है) के लिए, यदि ट्रांसफर 23 जुलाई 2024 के बाद हुआ है, तो टैक्स रेट 20% है। इससे पहले, यह 15% था। यह फ्लैट रेट है, जो एनआरआई की आय स्लैब से स्वतंत्र है। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी लिस्टेड शेयर को 10 महीने में बेचा और 1 लाख रुपये का लाभ कमाया, तो आपको 20,000 रुपये टैक्स देना पड़ सकता है, प्लस सरचार्ज और सेस। अन्य एसेट्स जैसे अनलिस्टेड शेयर, प्रॉपर्टी या डेट फंड्स के लिए, एसटीसीजी एनआरआई की आय स्लैब रेट्स पर टैक्स होता है। 2025-26 के असेसमेंट ईयर के लिए नया टैक्स रेजीम में स्लैब्स इस प्रकार हैं: 3 लाख तक निल, 3-6 लाख पर 5%, 6-9 लाख पर 10%, 9-12 लाख पर 15%, 12-15 लाख पर 20%, और 15 लाख से ऊपर 30%। सरचार्ज और 4% हेल्थ एंड एजुकेशन सेस अतिरिक्त लगता है। यदि आपकी कुल आय 50 लाख से अधिक है, तो सरचार्ज 10% से शुरू होता है।

प्रॉपर्टी के मामले में विशेष ध्यान दें। यदि एनआरआई किसी रेजिडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी को 24 महीने से कम समय में बेचता है, तो यह एसटीसीजी है और टैक्स स्लैब रेट्स पर लगता है, जो अधिकतम 30% + सरचार्ज + सेस हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि प्रॉपर्टी बेचने से 5 लाख का लाभ हुआ और आपकी आय स्लैब 30% है, तो टैक्स लगभग 1.5 लाख + अतिरिक्त शुल्क हो सकता है। डेट फंड्स या मार्केट-लिंक्ड डिबेंचर्स के लिए, यदि 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए हैं, तो सभी गेंस एसटीसीजी माने जाते हैं और स्लैब रेट्स पर टैक्स होते हैं, होल्डिंग पीरियड की परवाह किए बिना। यह बदलाव 2023 से लागू है, जो एनआरआई निवेशकों को प्रभावित करता है। यदि आप अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, तो नियम समान हैं, लेकिन डबल टैक्सेशन से बचने के लिए DTAA (डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट) का लाभ लें।

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) का मुद्दा एनआरआई के लिए महत्वपूर्ण है। प्रॉपर्टी बेचते समय, खरीदार को एसटीसीजी पर टीडीएस काटना पड़ता है, जो 30% + सरचार्ज + सेस के रेट पर होता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिडेम्पशन पर टीडीएस 20% है। यदि गेंस कम है, तो आप लोअर टीडीएस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। टीडीएस काटने के बाद, आपको रिटर्न फाइल करते समय एक्स्ट्रा टैक्स पे करना पड़ सकता है या रिफंड क्लेम कर सकते हैं। 2025 के बजट में टीडीएस रेट्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं है, लेकिन प्रॉपर्टी सेल के लिए 12.5% एलटीसीजी रेट लागू है, जो एसटीसीजी से अलग है। यदि आप अमेरिका या यूके जैसे देश में रहते हैं, तो DTAA के तहत क्रेडिट क्लेम करें ताकि डबल टैक्स न दें।

एसटीसीजी की गणना कैसे करें? लाभ = बिक्री मूल्य – खरीद मूल्य – ट्रांसफर खर्च। इक्विटी के लिए एसटीटी को घटाएं नहीं, लेकिन अन्य खर्च जैसे ब्रोकरेज को घटा सकते हैं। प्रॉपर्टी के लिए, स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस शामिल करें। एनआरआई के लिए इंडेक्सेशन बेनिफिट एसटीसीजी पर नहीं मिलता, केवल एलटीसीजी पर। यदि लॉस है, तो इसे अन्य एसटीसीजी से सेट-ऑफ कर सकते हैं, लेकिन कैरी फॉरवर्ड नहीं। रिटर्न फाइलिंग के लिए, एनआरआई आईटीआर-2 या आईटीआर-3 फॉर्म यूज करें, जहां कैपिटल गेंस सेक्शन में डिटेल्स भरें। डेडलाइन 31 जुलाई है, लेकिन लेट फाइलिंग पर पेनल्टी लगती है। ऑनलाइन पोर्टल incometaxindia.gov.in पर फाइल करें, और फॉरेन एसेट्स डिसक्लोज करें।

एसटीसीजी पर टैक्स बचाने के टिप्स: होल्डिंग पीरियड बढ़ाकर एलटीसीजी में कन्वर्ट करें, जहां रेट कम है। इक्विटी में निवेश करें जहां फ्लैट रेट है। सेक्शन 54F के तहत रीइन्वेस्टमेंट से एलटीसीजी एक्जेम्प्शन मिलता है, लेकिन एसटीसीजी के लिए सीमित ऑप्शन्स हैं। टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें, क्योंकि 2025 में नए नियम जैसे 12.5% एलटीसीजी रेट लागू हैं। यदि आप एनआरआई हैं, तो एनआरओ अकाउंट से टैक्स पे करें।

अंत में, एसटीसीजी पर टैक्स एनआरआई के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सही जानकारी से इसे मैनेज किया जा सकता है। 2025 में रेट्स स्थिर हैं, लेकिन अपडेट्स चेक करें। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कमेंट करें या टैक्स कंसल्टेंट से संपर्क करें। यह लेख गहन शोध पर आधारित है और आपको सूचित रखने के लिए है। (शब्द संख्या: लगभग 1050)

Anand K.

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