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US strikes Iran : Sensex और Nifty में सोमवार को भारी गिरावट के संकेत?

On: June 22, 2025 8:02 AM
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US strikes Iran
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22 जून 2025 को US strikes Iran की खबर ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नटांज, और इस्फहान—पर लक्षित हमले किए, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया। यह हमला इजरायल-ईरान संघर्ष के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है, और भारतीय शेयर बाजार (BSE Sensex और NSE Nifty) पर इसका असर सोमवार, 23 जून 2025 को साफ दिख सकता है। इस ब्लॉग में, हम US strikes Iran के भारतीय शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव, तेल की कीमतों की अस्थिरता, और निवेशकों के लिए रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, आपके सवालों के जवाब FAQs में दिए जाएंगे। आइए, इस जटिल स्थिति को समझते हैं।

US strikes Iran: क्या हुआ और क्यों?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमले की पुष्टि की, जिसे उन्होंने “बेहद सफल” बताया। यह हमला पिछले हफ्ते इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों के बाद हुआ, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कम करना था। ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल कोई और हमले की योजना नहीं है, लेकिन ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। विशेष रूप से, ईरान के स्ट्रेट ऑफ होर्मुज—जो वैश्विक तेल आपूर्ति का 20% हिस्सा संभालता है—को बंद करने की संभावना ने बाजारों में चिंता बढ़ा दी है।

भारतीय शेयर बाजार पर असर: क्या उम्मीद करें?

US strikes Iran की खबर से भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी अस्थिरता की उम्मीद है। BSE Sensex और NSE Nifty के शुरुआती कारोबार में 1-2% की गिरावट देखी जा सकती है। इसका मुख्य कारण है:

  • तेल की कीमतों में उछाल: ईरान OPEC+ का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। US strikes Iran के बाद Brent crude की कीमतें $74.23 प्रति बैरल तक पहुंच गईं, जो 7% की बढ़ोतरी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में रुकावट आई, तो तेल की कीमतें $100-$150 तक जा सकती हैं। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 80% आयात करता है, के लिए यह महंगाई का बड़ा झटका हो सकता है।

  • महंगाई का दबाव: तेल की कीमतें बढ़ने से ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग लागत बढ़ेगी, जिससे कॉर्पोरेट आय पर असर पड़ेगा। इससे RBI की मौद्रिक नीति सख्त हो सकती है, जो शेयर बाजार के लिए नकारात्मक है।

  • जोखिम से बचने की प्रवृत्ति: वैश्विक निवेशक सुरक्षित संपत्तियों जैसे गोल्ड और US डॉलर की ओर रुख कर रहे हैं। X पर कुछ पोस्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय बाजार से $18 बिलियन की इक्विटी निकासी हो सकती है।

सेक्टर्स पर प्रभाव: कौन से शेयर प्रभावित होंगे?

US strikes Iran का असर अलग-अलग सेक्टर्स पर अलग-अलग होगा:

  • तेल और गैस: ONGC, Reliance Industries, और BPCL जैसे स्टॉक्स को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से फायदा हो सकता है। हालांकि, लंबे समय में महंगाई का असर इनके मार्जिन पर पड़ सकता है।

  • एविएशन और ऑटोमोबाइल: बढ़ती तेल कीमतों से इंडिगो, SpiceJet, और Maruti Suzuki जैसे स्टॉक्स पर दबाव पड़ सकता है, क्योंकि ईंधन लागत बढ़ेगी।

  • FMCG और फार्मा: ये डिफेंसिव सेक्टर्स अस्थिरता के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते हैं। HUL, Nestlé India, और Sun Pharma जैसे स्टॉक्स में निवेशक रुचि बढ़ा सकते हैं।

  • डिफेंस: भारत के डिफेंस सेक्टर, जैसे HAL और Bharat Dynamics, को भू-राजनीतिक तनाव से फायदा हो सकता है।

निवेशकों के लिए रणनीति: क्या करें?

US strikes Iran के बाद भारतीय निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। कुछ रणनीतियां:

  • डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश: फार्मा, FMCG, और IT जैसे सेक्टर्स में निवेश बढ़ाएं, जो भू-राजनीतिक अस्थिरता से कम प्रभावित होते हैं।

  • गोल्ड और बॉन्ड्स: गोल्ड की कीमतें शुक्रवार को 1.3% बढ़ीं, और यह एक सुरक्षित निवेश हो सकता है। सरकारी बॉन्ड्स भी जोखिम कम करने का अच्छा विकल्प हैं।

  • कैश होल्ड करें: बाजार की अस्थिरता को देखते हुए कुछ कैश रखें, ताकि गिरावट पर अच्छे स्टॉक्स खरीद सकें।

  • लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण: विशेषज्ञों का कहना है कि भू-राजनीतिक झटके अक्सर अल्पकालिक होते हैं। लॉन्ग-टर्म निवेशक डिप्स में बड़े-कैप स्टॉक्स खरीद सकते हैं।

वैश्विक बाजारों की प्रतिक्रिया

US strikes Iran का असर वैश्विक बाजारों पर भी दिखा। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट आई—Dow Jones 1.8%, S&P 500 1.1%, और Nasdaq 1.3% गिरे। एशियाई बाजारों में भी कमजोरी थी, जैसे जापान का Nikkei 0.89% और दक्षिण कोरिया का Kospi 0.87% नीचे बंद हुआ। क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन और ईथर में भी 1-5% की गिरावट आई।

तेल की कीमतें और स्ट्रेट ऑफ होर्मुज का महत्व

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज मध्य पूर्व से तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। अगर ईरान इसे बंद करता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में भारी रुकावट आ सकती है। हालांकि, Jefferies ने अपने नोट में कहा कि ईरान ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिससे बाजारों को लगता है कि उसकी क्षमता सीमित है। फिर भी, तेल की कीमतों में अस्थिरता बनी रहेगी।

विशेषज्ञों की राय

  • जेमी कॉक्स: तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन कुछ दिनों में स्थिर हो सकती हैं।

  • मार्क मालेक: बाजार में अस्थिरता होगी, लेकिन लंबा युद्ध नहीं होने की उम्मीद है।

  • जैक एब्लिन: ऊर्जा की कीमतें और महंगाई का जोखिम बढ़ गया है।

  • डॉ. वीके विजयकुमार: भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए यह नुकसानदायक है। डिफेंसिव सेक्टर्स में निवेश करें।

FAQs: US strikes Iran और भारतीय शेयर बाजार

1. US strikes Iran का भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर होगा?

बाजार में 1-2% की गिरावट और अस्थिरता की उम्मीद है, खासकर तेल की कीमतों में उछाल के कारण।

2. कौन से सेक्टर्स सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?

एविएशन, ऑटोमोबाइल, और फाइनेंशियल सेक्टर्स पर दबाव पड़ सकता है, जबकि तेल, डिफेंस, और FMCG में तेजी आ सकती है।

3. क्या तेल की कीमतें $100 से ऊपर जाएंगी?

अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद करता है, तो कीमतें $100-$150 तक जा सकती हैं। अभी Brent crude $74.23 पर है।

4. निवेशकों को क्या करना चाहिए?

डिफेंसिव स्टॉक्स, गोल्ड, और बॉन्ड्स में निवेश करें। कुछ कैश होल्ड करें और लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण अपनाएं।

5. क्या यह गिरावट खरीदारी का मौका है?

लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए बड़े-कैप स्टॉक्स में गिरावट खरीदारी का मौका हो सकता है।

6. क्या US strikes Iran से युद्ध शुरू होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सीमित संघर्ष है, लेकिन ईरान की जवाबी कार्रवाई पर निर्भर करता है।

US strikes Iran की खबर ने वैश्विक और भारतीय शेयर बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है। सोमवार को BSE Sensex और NSE Nifty में अस्थिरता की उम्मीद है, खासकर तेल की कीमतों में उछाल के कारण। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और डिफेंसिव सेक्टर्स, गोल्ड, और बॉन्ड्स पर फोकस करना चाहिए। लॉन्ग-टर्म निवेशक इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देख सकते हैं। ताजा अपडेट्स के लिए Business Today, Reuters, और Moneycontrol जैसे स्रोतों पर नजर रखें।  क्या आप इस अस्थिरता में निवेश की योजना बना रहे हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय शेयर करें!

Anand K.

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